होली (Holi 2022) का त्यौहार आने ही वाला है और बच्चो से लेकर बड़ो तक सभी को इस Colorful Festival का बेसब्री से इन्तजार होता है। Holi का Festival दो दिन तक मनाया जाता है पहले दिन रात में होलिका दहन किया जाता है और फिर दुसरे दिन रंग – बिरंगे रंगों के साथ होली खेली जाती है। इस दिन को धुलेंडी के नाम से भी जानते है। होली वाले दिन सभी अपने Family, Friends, Relatives के साथ मिलकर धूम-धाम से होली मनाते है और घरो में मिठाइयाँ, गुझियाँ, नमकीन और पकवान बनाये जाते है। होलिका दहन के दिन होली की पूजा भी की जाती है।
क्या है होली की कहानी / क्यों करते है होलिका दहन (Holi 2022) –
होली की कहानी प्रहलाद, होलिका और हिरण्यकश्यप की कहानी है। प्राचीन समय की बात है एक राक्षश राजा था जिसका नाम हिरण्यकश्यप था। उसकी बहन का नाम होलिका था और उसका पुत्र प्रहलाद जो की विष्णु भगवान का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप ने बहुत साल की तप के बाद एक वरदान प्राप्त किया था। भगवान ब्रह्मा के द्वारा की वो पृथ्वी का सबसे शक्तिशाली आदमी है। इसी शक्तियों की वजह से वह बहुत ही अहंकारी बना दिया था। वह अपने पुत्र प्रहलाद को विष्णु भगवान की भक्ति करने से मना करता था।
जब उसका पुत्र नहीं माना तब उसने अपने ही पुत्र को मारने का प्रयत्न भी किया। जब वह सफल नहीं हो पाया तब उसने अपनी बहन होलिका की मदद मांगी। होलिका को यह वरदान प्राप्त था की वह आग में नहीं जल सकती है। होलिका ने अपने भाई की सहायता की और प्रहलाद को लेकर चिता में जाकर बैठ गयी। लेकिन विष्णु जी की कृपा से होलिका आग में भस्म को जाती है और प्रहलाद को कोई नुकसान नहीं होता है जो की इस बात का सन्देश देता है की बुराई का अंत अवश्य होता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत का यह त्यौहार होली के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। और आज भी पूर्णिमा के दिन होली जलाई जाती है। अगले दिन धूम – धाम से रंगों के साथ होली का त्यौहार मनाया जाता है। होली त्यौहार पर कुछ विशेष पकवान भी बनाये जाते है जानिए क्या विशेष व्यंजन बनाये होली पर जिससे होली का मजा हो दुगुना।
होलिका दहन का शुभ मुहुर्त (Holi 2022 shubhmuhurat mahatv)–
होलिका दहन का दिन –
- इस वर्ष 17 March (गुरुवार) को होलिका दहन होगा।
- 18 मार्च 2022 शुक्रवार को होली धुलेंडी खेली जाएगी।
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक।
- (अवधि – 1 घंटा 10 मिनट)।
इस तरह पाए होलिका दहन पर शनि – राहू – केतु और नजर दोष से मुक्ति –
- होलिका दहन के दर्शन करने से और पूजा करने से शनि-राहू-केतु के साथ नजर दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।
- अगर आप होलिका दहन के बाद उसकी भस्म का टिका लगाते है तो उससे नजर दोष और प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है।
- अगर आप चाहते है की आपकी कोई मनोकामना है जो की पूरी हो जाए तो जलती हुयी होली में 3 गोमती चक्र हाथ में लेकर अपनी इच्छा को 21 बार मन में बोलकर तीनो गोमती चक्र को अग्नि में डालकर अग्नि को प्रणाम करके वापिस आ जाईये।
आपने जाना –
Holi 2022 के शुभमुहूर्त, महत्त्व व दोष मुक्ति के कुछ अचूक उपाय। हम उम्मीद करते है की आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा।