How to Prevent from Sun Stroke | गर्मी में बुखार का कारण कहीं लू लगना तो नहीं?

गर्मी के मौसम में ज्यादा देर तक धुप में रहने या फिर गर्म हवाओं के शरीर पर पड़ने से शरीर का तापमान एक सिमित सीमा से आगे बढ़ने से लू लग जाने का डर (How to Prevent from Sun Stroke) रहता है, जो की किन्ही मामलो में जानलेवा साबित हो सकती है


गर्मी का समय बहुत ही उबाऊ और परेशान करने वाला होता है। इस मौसम की एक बात अच्छी होती है की बच्चों के स्कूलों की छुट्टियां होती है और यही समय होता है जब आप कहीं घुमने का सोचते है कोई प्लान बनाते है, लेकिन बाहर का मौसम गरम होने से घुमने का मजा किरकिरा हो जाता है क्योंकि ऐसे गर्म वातावरण में बाहर जाने से सन स्ट्रोक होने का खतरा होता है जिसे हमारे देश में लू लगना कहा जाता है। वैसे लू किसी को भी लग सकती है महिला हो या पुरुष व बुजुर्ग हो या बच्चा परन्तु बच्चों को व बुजुर्गों को लू लगने का खतरा ज्यादा होता है क्योकि बुजुर्गो और बच्चों का इम्युनिटी लेवल कम होता है। (How to Prevent from Sun Stroke)

हैल्लो लेडिज, आज का हमारा आर्टिकल है एक बहुत ही जरुर टॉपिक पर जो की इस गर्मी के मौसम में अक्सर होने वाली प्रॉब्लम है और वो टॉपिक है लू लगाना।… इसे इंग्लिश में सन स्ट्रोक या हीट स्ट्रोक भी कह जाता है जिसमे शरीर का तापमान एक उचित सीमा से अधिक हो जाता है व अपनी चरम सीमा तक पहुँच जाता है।

क्यों लगती है लू

पसीना, गर्म हवा, थकान यह सब इस सीजन में ज्यादा ही होता है व गर्मी के मौसम में ज्यादा देर तक धुप में रहना या फिर गर्म हवाओं के शरीर पर पड़ने से शरीर का तापमान एक सिमित सीमा से आगे बढ़ने से लू लग जाने का डर रहता है, जो की किन्ही मामलो में जानलेवा साबित हो सकती है।

लू लगने के संकेत और लक्षण

इस मौसम में यदि शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा महसूस हो तो यह लू लगने का संकेत हो सकता है। हमारें शरीर में एक तापमान प्रणाली होती है जो की शरीर के तापमान को एक समान बनाए रखने का कार्य करती है परन्तु यदि गर्मी हद से अधिक बढ़ जाये तो यह गड़बड़ा जाती है और शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। यदि इसे जल्दी कण्ट्रोल न किया जाए तो यह शरीर के आन्तरिक अंगो के कार्य करने में भी रूकावट डालने लगता है। इसके अलावा अन्य कई लक्षण भी है जो की लू लगे मरीज में दिखाई दे सकते है जैसे –

सरदर्द, बैचनी, घबराहट, बुखार, उल्टी, दस्त, चक्कर आना, पसीना न आना या अत्यधिक ही पसीना आना, सांस खीचने में तकलीफ होना, त्वचा का लाल पड़ना यह अन्य लक्षण है जो की रोगी में गर्मी के समय में दिख सकते है।

परन्तु इसका सही समय पर निवारण किया जाए तो इससे बचा जा सकता है। याद रखे की किसी भी समस्या के इलाज से अच्छा है की बचाव ही किया जाए तो निचे जानते है कुछ ऐसे तरकीबें हैं जो काफी पुराने समय से चलती आ रही है और आज भी इनका फायदा दिखाई देता है।

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लू से कैसे बचे (How to Prevent from Sun Stroke)

आम का पन्ना –

  • सबसे ज्यादा यदि लू से बचाव के लिए कोई आयुर्वेद औषधि पसंदी जाती है है तो वह है आम का पन्ना।
  • यह सेहत के लिहाज से तो बढ़िया है ही, लेकिन यह बॉडी के तापमान को भी सही रखने में मददगार है।
  • आम के पन्ने का सेवन दिन में दो बार जरुर करे।

आंवला का उपयोग –

  • इसके अलावा आप आंवले को उबाल कर उसे मैश करके उसमे शक्कर और शहद मिला लें।
  • इसके मिश्रण को दिन में दो बार पियें, यह भी काफ़ी फायदेमंद है।
  • वैसे भी आंवले के फायदे तो आप जरुर जानते ही होंगे।

फलों का सेवन –

  • तरबूज, संतरा, निम्बू, टमाटर, ककड़ी, पुदीना जैसे गर्मी के मौसमी फलों का सेवन खूब करे।
  • यह आपको डिहाइड्रेशन से बचायेंगे।
  • यदि शरीर में पानी ठीक मात्रा में होगा तो यह आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में सहायक होगा।

सत्तू का सेवन –

  • सत्तू का सेवन भी लू लगने से बचाने में फायदेमंद है
  • इसे कई पौष्टिक अनाज के मिश्रण से तैयार किया जाता है।
  • यदि इसमें फलों के रस को मिला दिया जाए तो इसका फायदा दुगुना हो जाता है।
  • यह शरीर की गर्माहट और ठंडक को एक समान बनाये रखने में काफ़ी अच्छा उपाय है।

इसके अलावा आप कुछ सामान्य सी बातें है उन्हें भी ध्यान रखे जैसे –

  • हर थोड़े अंतराल में पानी का सेवन करते रहे।
  • जब भी धुप में जाए तो सर को ढंकना न भूले।
  • आप टोपी, गमछा, स्कार्फ की मदद से सर को कवर करे।
  • प्याज, अन्य सलाद व फ्रूट का भी सेवन करे।
  • आप जब भी दिन के समय बाहर निकले तो अपने जेब में छोटा सा प्याज भी जरुर रखे।
  • बाहर से आते ही एक दम से पानी का सेवन न करे।
  • यदि आप पसीने से भीगे हुए हैं तो नहाने की गलती न करे।
  • बाहर से आने के बाद थोड़ी देर रुकें। शरीर के तापमान को अपने घर के तापमान के बराबर हो जाने दे। उसके बाद ही स्नान करे।
  • धुप में से आने के बाद कूलर और AC में न बैठे परन्तु आप चाहे तो पंखे की हवा का सहारा लें सकते है ।
  • नहाने के एक दम बाद में भी घर से बाहर निकलने और धुप में जाने से बचें।

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ऊपर बताये ही वे कारण है जिनके कारण आपको लू लगने का शिकार होना पड़ता है तो इन गलतियों से बचें

How to Prevent from Sun Stroke –

अब बात करते है यदि किसी को लू लग चुकी है तो ऐसे में क्या उपाय किये जाना चाहिए जिससे मरीज को अस्पताल में भर्ती न करना पड़े, यह उपाय काफ़ी असरदार है। पुराने लोग इन्ही विधियों को अपनाकर खुद का इलाज कर लेते है।

शरीर को ठंडक दे

  • सबसे पहले तो रोगी के शरीर को ठंडा करने का प्रयत्न करे।
  • उसके सर पर ठंडी पानी की पट्टी रखे।
  • रोगी के शरीर को एक गीली व पतली चादर से ढँक दे।
  • इससे उसके शरीर में गर्मी का स्तर कम होगा।

प्याज का रस का करे इस्तेमाल करे

  • 4 प्याज का रस निकाल लें और इस रस को रोगी के शरीर पर लगा दे।
  • खास तौर पैर और हाथ के तलवों में और छाती पर जरुर लगाये।
  • यदि आप प्याज की गंध पसंद नहीं करते है तो आप लौकी के रस का भी इस्तेमाल कर सकते है।

नमक की गिरी का उपयोग करे

  • यह उपाय काफी कम ही लोंगो को पता है।
  • इस उपाय में आपको दो-तीन नमक की गिरी (खड़ा नमक) को लेकर रोगी के नाभि पर रख दे।
  • एक लोटे में पानी लेकर उस नाभि पर रखे गिरी पर डालते जाए।
  • तब तक डाले जब तक की यह पूरी न पिघल जाए।

( नोट – शरीर की सारी नसें नाभि पर आकर मिलती है जब आप यह उपाय करेंगी तो नमक शरीर की अतिरिक्त गर्मी को खिंच लेगा इस उपाय को सुबह या शाम को ही करे जब सूरज की तपन महसूस न हो रही हो)

आम का पन्ना है बेहद फायदेमंद

  • दिन में कम से कम 3 बार पन्ने का सेवन जरुर कराएँ।
  • रोगी को जो आम पन्ना पिलाये उसमे भुना जीरा, नमक और गुड़ कुछ मात्रा में जरुर मिलाये।
  • इससे यदि रोगी को उल्टी या दस्त हो रहे होंगे तो उसमे फायदा होगा और तापमान भी ठीक रहेगा।

निम्बू की शिकंजी पिलाये

  • मटके के पानी में नमक, चीनी और निम्बू का रस मिलाकर इसकी शिकंजी बना लीजिये।
  • इसे रोगी को थोड़ी-थोड़ी देर में पिलायें ये भी फायदा जरुर करेगी।
नोट :-

यदि आप यह सारे उपाय एक दिन में ही अजमाए तो भी इनका कोई नुकसान नहीं है क्योकि यह सभी आयुर्वेदिक तरीके है परन्तु याद रखे अति मात्रा में भी रोगी को आम के पन्ने और शिकंजी का सेवन न कराये बाकि के तरीकों को आप जरुर बुखार उतरने तक आजमा सकती है

आपने जाना –

How to Prevent from Sun Stroke में आपने आज जाना की लू लगने का क्या कारण है और किन सावधानियों को रखकर आप सनस्ट्रोक से बच सकते है व आपको कुछ ऐसे उपाय भी बताये गए जिससे की लू लगे रोगी को आप तत्काल राहत दे सके इन उपायों को अजमाने के बाद यदि आप पाए की रोगी ठीक नहीं हो पा रहा है तो आपको नारीछबी द्वारा सलाह दी जाती है की आप डॉक्टर से चेकअप जरुर करवाएं उम्मीद करते है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा तो प्लीज इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले

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